08 May, 2022

बिखरते देखा है उसे जो आसमान की ओर बढ़ा

 

बिखरते देखा है उसे जो आसमान की ओर बढ़ा

टूटते देखा उसे भी जो तारों से जा मिला

नहीं मिलती किसी को भी पूरी पूरी  ज़िंदगी

कुछ ना कुछ तो छुट ही जाता है

कुछ ना कुछ तो रह ही जाता है

बिखरोगे भी टूटोगे भी

और तब जो कुछ बचेगा

वही तुम होगे

 

 

मत बनाओ सीमाए अपने लिये

चलने दो जो चल रहा हो

होने दो जो हो रहा हो

हवा का जो रुख हो उसके साथ चलते ही रहो

दूसरी ओर दौडोगे तो थक ही जाओगे

हाँ , बुझ ही जाओगे

 

जो करना चाहते हो तुम वही करो

पर जिद्दी ना बनो अकडू ना बनो

वरना टूट जाओगे वरना पिस जाओगे

क्यूंकि हर कोई बिखरता है हर कोई पिघलता है हर कोई टूट जाता है...

 

इसलिए

जिस तरफ हवा का रुख हो उसी तरफ चलना

करना वही जो तेरा दिल करे

पर रुक कर साँस भी ले लेना

कुछ खा लेना, थोडा आराम कर लेना

नहीं कह रहा मैं की अपने सपनो को छोर देना

भागना उनके पीछे भी

पर भागते भागते, जीना ना छोर देना  

अपनों को ना खो देना

तस्वीरों को धुंधलाने ना देना

पाना ही हर कुछ नहीं होता

कुछ कुछ दूसरों के लिये भी कर देना

अकेले कहाँ तक चलोगे

कभी कभी इधर उधर भी झांक लेना

ज़रूर करना तुम अपने सपनो को पूरा

पर

 दोस्त, जिद्द ना करना...

33 Dream Cafe

 I am Supposed to be writing a script for a feature film right now.. But why am I writing this... Whatever this is. I couldn't write at ...